Wednesday, July 29, 2015

सावन

बटोरी है खुशियाँ मैंने ..
चुन के अपने हाथों से ..
अच्छा लगे तोह फूल है..
नहीं माटी की धूल है ..
कुछ रंग मौसम के ..
कुछ आप जो दिल में बस गए ..
वह रंगीन सावन का रंग..
और रंगो में लहराता आँचल
मिले फुर्सत तोह मिला लेना
अपने रंग साथ मेरे भी बाँट लेना

Tuesday, July 28, 2015

कलाम तुझे सलाम

खड़े थे इंतज़ार में ..सुनने को अलफ़ाज़ 
कुछ देर कहे ..फिर खामोश हो गए., 
जला के दिए.. अँधेरे घरो में..
उजाले मुकाम तक करा गए ..
नन्हे दिलो के नाज़ुक से मन में  
माज़ी से आगे बढ़ना सीखा गए 
तजुर्बे कलाम बाशिंदे मोहब्बत 
दुनिया से पहले मिलकियत सीखा गए..
बाशिंदे हिन्द मूसल ईमान..
इंसान से पहले नियत सीखा गए.. 
लगता है सूना आँगन मेरे घर का.,
आसरा ऐ बुज़ुर्ग सर से उठा गए . 

Sunday, July 26, 2015

फिर कुछ ...

इतेज़ार है आँखों को तेरे
पूछ रही हैं बोलो तो ..
जान लेते हो मैं की सब..
अब बोलो तोह मानु तब ..

आंसुओं के पार जाती मैं
कुछ खुशियों को तराशती हूँ
हाथ तेरा पकड़ कर..
कुछ नाचना गाना चाहती हूँ

अंदाज़ तेरा मालूम नहीं पर ..
मुस्कुराहटों में गुमना चाहती हूँ
कुछ ज़िन्दगी का तरीका तेरा
में भी जीना चाहती हूँ

Saturday, July 18, 2015

Eid

नमाज़ी बन चला मैं..
पढ़ी नमाज़ ना कोई..
जस ख़ुदा वसा मोरे..
तये नमाज़ तो होइ

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रमज़ान गयी गर रोज़ ..
आई ईद हो गयी ...
दे संसार की खुशियाँ ..
ख़ुदा साथ ले गयी ..

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आँखें तेरी

कुछ  खामोश  लम्हों  सी 
यह  आँखें  तेरी ...
देखती  रही .,सेहती रही .. 
पुछा  जो  क्यों  गए  उस  मुकाम  से ...
तो  बोली  मिलते  नहीं  तजुर्बे  सीधी  साफ़  राहो पर ... 
कुछ  ख़ुशी .., कुछ  दर्द  सहने  की  .. 
और  पार  उसके  कुछ  अनकही  सी  कहने  सी .. 
मालूम  नहीं .. मुकाम  होगा  क्या  मेरा ... 
पर  चलती  रहूँ  और  सब  से  हो  वाबस्ता .. 
साथ  तेरे  बैठूंगी तोह  सुनुगी.. दिल -ऐ-आगाज़ ...
कुछ  दर्द  तेरा  ..कुछ  बाते  मेरे  साथ .. 
रिश्ता  रखती  हूँ  दर्द  से  में  तेरे ... 
कुछ  बात  और  कुछ  खामोशी  के  साथ ..

Monday, July 13, 2015

ख्याल

तुफानो  से  गज़रे  हज़ार  रास्ते ..
खत्म  होते  तेरे  नयनों  के  चोर  पर ..
कुछ  याकि  आज  मुझे  है ..
तेरे  वादों   और  तजुर्बे  के  मोर  पर ..