करता हूँ इंतज़ार रोज़ कुछ
बदले समय या हालत कुछ
वह बहती जा रही है रेत से
घड़ियां हाथों से कुछ
ढूंढते सवालों के जवाब कुछ
गुम अज़ीज़ चेहरे कुछ
वह नादान खुशियों के पल कुछ
वोह नन्हे हाथों में वापस आते कुछ
ग़ुम कुछ धुंधली आँखों के समय
फिर भी कल का इंतज़ार कुछ
-नीतू (03-05-2016: 23:41)
बदले समय या हालत कुछ
वह बहती जा रही है रेत से
घड़ियां हाथों से कुछ
ढूंढते सवालों के जवाब कुछ
गुम अज़ीज़ चेहरे कुछ
वह नादान खुशियों के पल कुछ
वोह नन्हे हाथों में वापस आते कुछ
ग़ुम कुछ धुंधली आँखों के समय
फिर भी कल का इंतज़ार कुछ
-नीतू (03-05-2016: 23:41)