Wednesday, August 12, 2015

मुस्कान


क्या कहूँ तेरी खूबसूरती को.. अलफ़ाज़ नहीं पास मेरे ..
देखा तुझे जो आज .. मेरी सुबह हो गयी .. 
शायर तोह नहीं मैं.. पर कुछ अंदाज़ तेरा ..
जुबां पर जो आया तोह .. ग़ज़ल हो गयी ..
-नीतू (12/8/2015)

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